CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझानाः
- C और H के बीच के आबंध सहसंयोजक (Covalent) आबंध हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉन का साझा (Sharing) होता है।
- C और CI के बीच भी सहसंयोजक आबंध है। इसमें कार्बन ओर क्लोरीन अपने इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं, लेकिन क्लोरीन की उच्च विद्युतऋणात्मकता के कारण यह आबंध ध्रुवीय (Polar Covalent Bond) होता है।