1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ़ क्यों किया जाता है?
Ans: मैग्नीशियम रिबन को वायु में जलाने से पहले साफ किया जाता है क्योंकि वायु में हवा की निर्मिति में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन होते हैं। यदि रिबन पर धूल, धुएं या अन्य किसी पदार्थ का अवशेष हो, तो ये पदार्थ रिएक्ट करके मैग्नीशियम की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, साफ रिबन का प्रयोग किया जाता है ताकि रिएक्शन परिणाम स्वच्छ और संबंधित हो।
2Mg (s)+O2 (g)→2MgO (g)
2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए-
(i) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड
H₂ + Cl₂ → 2HCl
(ii) बेरियम क्लोराइड + ऐलुमीनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + ऐलुमीनियम क्लोराइड
3BaCl₂ + Al₂(SO₄)₃ → 3BaSO₄ + 2AlCl₃
(iii) सोडियम जल सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
2Na + 2H₂O → 2NaOH + H₂
3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के लिखिए- साथ संतुलित रासायनिक समीकरण
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फ़ेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
Ans: बेरियम क्लोराइड और सोडियम सल्फेट के विलयन के दौरान, सोडियम क्लोराइड का अवशिष्ट विलयन होता है जो जल में आसानी से विलीन हो जाता है, और बेरियम सल्फेट का अघुलनशीलता स्थिति में उत्पन्न होता है।
समीकरण: BaCl₂(aq) + Na₂SO₄(aq) → 2NaCl(aq) + BaSO₄(s)
(ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं।
Ans: सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) के दौरान, सोडियम क्लोराइड का विलयन होता है, और जल उत्पन्न होती है।
समीकरण: NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
अभ्यास प्रश्न उत्तर सहित
1. नीचे दी गई अभिक्रिया के संबंध में कौन सा कथन असत्य है?
2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + C(g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचवित हो रहा है।
(i) (a) और (b)
(ii) (a) और (c)
(iii) (a), (b) और (c)
(iv) all
उत्तर: सही उत्तर है (i) (a) और (b)
अभिक्रिया 2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO2 (g) में, लेड ऑक्साइड को लेड में बदल दिया जाता है और कार्बन को कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीकृत कर दिया जाता है।
2. Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर: (d) विस्थापन अभिक्रिया
स्पष्टीकरण: यह अभिक्रिया एक प्रकार की विस्थापन अभिक्रिया है। लौह ऑक्साइड (Fe2O3) एल्युमिनियम (Al) के साथ करता है जिससे एल्युमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) और लोहे (Fe) का निर्माण होता है। यहाँ, एल्युमिनियम लोहे की यह यौगिक को हटा देता है, इसलिए यह एक विस्थापन अभिक्रिया है।
3. लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए।
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
उत्तर: (a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
स्पष्टीकरण: जब लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस (H2) और आयरन क्लोराइड (FeCl2) बनता है। यह अभिक्रिया निम्नलिखित रूप में प्रतिस्थापित की जा सकती है:
Fe(s) + 2HCl(aq) → FeCl2(aq) + H2(g)
4. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
संतुलित रासायनिक समीकरण:
- संतुलित रासायनिक समीकरण एक तरीका है जिसमें रासायनिक प्रतिक्रिया को प्रतीक और सूत्रों का प्रयोग करके प्रस्तुत किया जाता है। इसमें प्रतिक्रिया में उपस्थित तत्वों की संख्या दोनों पक्षों पर बराबर होती है।
रासायनिक समीकरण को संतुलित करने की आवश्यकता:
- रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है क्योंकि यह समीकरण वस्तुओं के रासायनिक प्रतिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है और यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिक्रिया के दौरान तत्वों का मान संचित रहता है।
- संतुलित समीकरण यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिक्रिया में उपस्थित तत्वों की संख्या कोई भी पक्ष में बदलते समय नहीं बदलती है।
- संतुलित समीकरण रासायनिक प्रक्रिया की सही समझ प्रदान करता है और प्रतिक्रिया के परिणामों की अनुमानित राशि का पता लगाने में मदद करता है।
5. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए।
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
संतुलित समीकरण: N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g)
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
संतुलित समीकरण: 2H2S(g) + 3O2(g) → 2H2O(l) + 2SO2(g)
(c) ऐल्युमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐल्युमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
संतुलित समीकरण: 3BaCl2(aq) + Al2(SO4)3(aq) → 3BaSO4(s) + 2AlCl3(aq)
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
संतुलित समीकरण: 2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2(g)
6. निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए-
(a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H₂O
संतुलित समीकरण: 2HNO3(aq) + Ca(OH)2(s) → Ca(NO3)2(aq) + 2H2O(l)
(b) NaOH + H₂SO₄ → Na₂SO₄ + H₂O
संतुलित समीकरण: 2NaOH(aq) + H2SO4(aq) → Na2SO4(aq) + 2H2O(l)
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
संतुलित समीकरण: NaCl(aq) + AgNO3(aq) → AgCl(s) + NaNO3(aq)
(d) BaCl₂ + H₂SO₄ → BaSO₄ + HCI
संतुलित समीकरण: BaCl2(aq) + H2SO4(aq) → BaSO4(s) + 2HCl(aq)
7. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए –
(a) कैल्शियम हाइड्रोक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्शियम कार्बोनेट + जल
संतुलित समीकरण: Ca(OH)2(s) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O(l)
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
संतुलित समीकरण: Zn(s) + 2AgNO3(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
(c) ऐल्युमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐल्युमिनियम क्लोराइड + कॉपर
संतुलित समीकरण: 2Al(s) + 3CuCl2(aq) → 2AlCl3(aq) + 3Cu(s)
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
संतुलित समीकरण: BaCl2(aq) + K2SO4(aq) → BaSO4(s) + 2KCl(aq)
8. निम्न अभिक्रियाओं के लिए सतुंलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटैशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटैशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s)
संतुलित समीकरण: 2KBr(aq) + BaI2(aq) → 2KI(aq) + BaBr2(s)
अभिक्रिया प्रकार: द्विविघटन समीकरण
(b) जिंक कार्बोनेट(s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
संतुलित समीकरण: ZnCO3(s) → ZnO(s) + CO2(g)
अभिक्रिया प्रकार: विघटन अभिक्रिया
(c) हाइड्रोजन (g) + क्लोरीन (g) हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
संतुलित समीकरण: H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
अभिक्रिया प्रकार: संयोजन अभिक्रिया
(d) मैग्नीशियम (s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड (aq) + हाइड्रोजन (g)
संतुलित समीकरण: Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl2(aq) + H2(g)
अभिक्रिया प्रकार: विस्थापन अभिक्रिया
9. ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है? उदाहरण दीजिए।
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया: जब कोई वस्तु गर्म होती है और उससे उष्मा निकलता है, तो हम उसे “ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया” कहते हैं। जैसे, सूरज की किरणों से पत्तों को गरम करना एक उदाहरण है।
ऊष्माशोषी अभिक्रिया: जब कोई वस्तु ठंडी होती है और वह उष्णता (heat) को अवशोषित करती है, तो हम उसे “ऊष्माशोषी अभिक्रिया” कहते हैं। जैसे, गर्म वस्त्र को बर्फ के संपर्क में रखना।
10. श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।
श्वसन को “ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया” इसलिए कहते हैं क्योंकि जब हम श्वसन करते हैं, हम अपने श्वास के माध्यम से बाहर उष्णता (heat) को निकालते हैं। श्वास के साथ, हमारे शरीर से ऊष्मा बाहर निकलती है, जिसे “ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया” कहा जाता है। इस प्रक्रिया से, हमारे शरीर से अतिरिक्त ऊष्मा का निकास होता है और हम ठंडे हो जाते हैं।
11. वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है क्योंकि इन दोनों के प्रभाव का परिणाम एक-दूसरे के विपरीत होता है।
संयोजन अभिक्रिया: A + B → C
► अमोनिया का निर्माण: N2 + 3H2 → 2NH3
वियोजन अभिक्रिया: C → A + B
► कैल्शियम कार्बोनेट का विघटन: CaCO3 → CaO + CO2
यहां, A और B प्रारंभिक रासायनिक पदार्थ होते हैं, जो एक संयोजन अभिक्रिया के द्वारा एकत्र होकर C नामक उत्पाद को उत्पन्न करते हैं। इसके बाद, C वियोजन अभिक्रिया के द्वारा वापस A और B में विभाजित होता है।
12. उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए, जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
ऊष्मा, प्रकाश और विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान करने वाले वियोजन अभिक्रियाओं के समीकरण निम्नलिखित हैं:
► ऊष्मा (थर्मल) का प्रदान:
CaCO3(s) → CaO(s) + CO2(g)
इस अभिक्रिया में, कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) का विघटन होकर कैल्शियम ऑक्साइड (CaO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्पन्न होता है।
► प्रकाश (लाइट) का प्रदान:
2AgCl(s) → 2Ag(s) + Cl2(g)
इस अभिक्रिया में, सोने के क्लोराइड (AgCl) का विघटन होकर सोना (Ag) और क्लोरीन गैस (Cl2) उत्पन्न होता है।
► विद्युत (इलेक्ट्रिकल) का प्रदान:
2H2O(l) → 2H2(g) + O2(g)
इस अभिक्रिया में, पानी (H2O) का विघटन होकर हाइड्रोजन गैस (H2) और ऑक्सीजन गैस (O2) उत्पन्न होता है।
13. विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
विस्थापन अभिक्रिया में, कोई एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है.
विस्थापन अभिक्रिया का समीकरण:
A + BC → AC + B
Real Example: Fe+CuSO4→FeSO4+Cu
द्विविस्थापन अभिक्रिया में, दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है
द्विविस्थापन अभिक्रिया का समीकरण:
AB + CD → AD + BC
Real Example: BaCl2(aq) + K2SO4(aq) → BaSO4(s) + 2KCl(aq)
14. सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया का समीकरण निम्नलिखित होगा:
Cu + 2AgNO3 → 2Ag + Cu(NO3)2
इस अभिक्रिया में, कॉपर (Cu) धातु और सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) का अभिक्रिया होता है, जिसके परिणामस्वरूप सिल्वर (Ag) उत्पन्न होता है और कॉपर नाइट्रेट (Cu(NO3)2) उत्पन्न होता है।
15. अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
अवक्षेपण अभिक्रिया एक रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक घोलों को मिलाने पर एक अघुलनशील ठोस पदार्थ बनता है, जिसे अवक्षेप कहा जाता है।
उदाहरण 1: सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) और सोडियम क्लोराइड (NaCl) का मिश्रण:
जब सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) और सोडियम क्लोराइड (NaCl) के घोलों को मिलाया जाता है, तो एक सफेद रंग का अवक्षेप बनता है। यह अवक्षेप सिल्वर क्लोराइड (AgCl) होता है।
रासायनिक समीकरण: AgNO3(aq) + NaCl(aq) → AgCl(s) + NaNO3(aq)
उदाहरण 2: बेरियम क्लोराइड (BaCl2) और सोडियम सल्फेट (Na2SO4) का मिश्रण:
जब बेरियम क्लोराइड (BaCl2) और सोडियम सल्फेट (Na2SO4) के घोलों को मिलाया जाता है, तो एक सफेद रंग का अवक्षेप बनता है। यह अवक्षेप बेरियम सल्फेट (BaSO4) होता है।
रासायनिक समीकरण: BaCl2(aq) + Na2SO4(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq)
16. ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए।
(a) उपचयन
परिभाषा: किसी पदार्थ में ऑक्सीजन के योग की प्रक्रिया को उपचयन कहते हैं।
उदाहरण:
मैग्नीशियम के जलने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है: 2Mg + O2 → 2MgO
लौह (Fe) के जंग लगने पर लौह ऑक्साइड (Fe2O3) बनता है: 4Fe + 3O2 → 2Fe2O3
(b) अपचयन
अपचयन:
परिभाषा: किसी पदार्थ से ऑक्सीजन के ह्रास की प्रक्रिया को अपचयन कहते हैं।
उदाहरण:
मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO2) को गर्म करने पर मैंगनीज ऑक्साइड (MnO) बनता है: MnO2 → MnO + O2
हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) की उपस्थिति में सोडियम (Na) धातु, क्लोरीन (Cl2) गैस बनाता है: 2Na + 2HCl → 2NaCl + H2
17. एक भूरे रंग का चमकदार तत्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
तत्व ‘X’ : तांबा (Cu)
काला यौगिक : तांबा ऑक्साइड (CuO)
18. लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
लोहे की वस्तुओं को जंग (Fe2O3) से बचाने के लिए पेंट किया जाता है। पेंट एक सुरक्षात्मक परत बनाता है जो लोहे को ऑक्सीजन और पानी से बचाता है।
लौह (Fe) के जंग लगने पर लौह ऑक्साइड (Fe2O3) बनता है: 4Fe + 3O2 → 2Fe2O3
19. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
तेल और वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित किया जाता है क्योंकि नाइट्रोजन एक अक्रिय गैस है। यह खाद्य पदार्थों को ऑक्सीजन के प्रभाव से बचाता है, जिससे वे खराब नहीं होते।
20. निम्नलिखित पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए-
(a) संक्षारण
संक्षारण:
परिभाषा: धातुओं की सतह पर ऑक्साइड या हाइड्रॉक्साइड की परत बनने की प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।
उदाहरण: लोहे की वस्तुओं पर जंग लगना।
(b) विकृतगंधिता
विकृतगंधिता:
परिभाषा: कुछ पदार्थों के विघटित होने से दुर्गंध पैदा होने की प्रक्रिया को विकृतगंधिता कहते हैं।
उदाहरण: सड़े हुए अंडे की गंध।