Carbon and Its Compound In Hindi Class 10 Question/Answer Excercise

1. एथेन का आण्विक सूत्र – C2H6 है। इसमें

(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं।

(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं। ✅

(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं।

(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं।

2. ब्यूटेनॉन चर्तु-कार्बन यौगिक है, जिसका प्रकार्यात्मक समूह

(a) काबर्बोक्सिलिक अम्ल

(b) ऐल्डिहाइड

(c) कीटोन ✅

(d) एल्कोहल

3. खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि

(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।

(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है। ✅

(c) ईंधन आई है।

(d) ईधन पूरी तरह से जल रहा है।

4. CH3CI में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।

CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझानाः

  • C और H के बीच के आबंध सहसंयोजक (Covalent) आबंध हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉन का साझा (Sharing) होता है।
  • C और CI के बीच भी सहसंयोजक आबंध है। इसमें कार्बन ओर क्लोरीन अपने इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं, लेकिन क्लोरीन की उच्च विद्युतऋणात्मकता के कारण यह आबंध ध्रुवीय (Polar Covalent Bond) होता है।

5. इलेक्ट्रॉन बिंद संरचना बनाइए

(a) एचेनॉइक अम्ल

(b) H2S

(c) प्रोपेनीन

(d) F2

6. समजातीय श्रेणी (Homologous Series) क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए:

समजातीय श्रेणी एक ऐसी श्रेणी है जिसमें रासायनिक यौगिकों का एक समूह होता है जो समान सामान्य सूत्र (general formula) से संबंधित होते हैं और प्रत्येक सदस्य में एक निश्चित रासायनिक इकाई का जुड़ाव होता है। इनमें समान रासायनिक गुणधर्म होते हैं और भौतिक गुणधर्म एक क्रम में बढ़ते या घटते हैं।

उदाहरण:

एल्केन्स की समजातीय श्रेणी:

मीथेन (CH₄)

एथेन (C₂H₆)

प्रोपेन (C₃H₈)

ब्यूटेन (C₄H₁₀)

यहाँ पर प्रत्येक अगले सदस्य में एक -CH₂- समूह जुड़ता जाता है।

7. भौतिक एवं रासायनिक गुणधमों के आधार पर एथनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?

भौतिक गुणधर्म:

  • एथनॉल (C₂H₅OH): एक रंगहीन, उड़नशील, और तीव्र गंध वाला तरल है। इसका गलनांक -114.1°C और क्वथनांक 78.37°C है।
  • एथेनॉइक अम्ल (CH₃COOH): एक रंगहीन, तीव्र गंध वाला तरल है जो सिरके की गंध देता है। इसका गलनांक 16.6°C और क्वथनांक 118.1°C है।

रासायनिक गुणधर्म:

  • एथनॉल: यह एक अल्कोहल है और इसे जलाने पर नीली लौ उत्पन्न होती है, यह एस्टर बनाने के लिए कार्बोक्सिलिक अम्लों के साथ प्रतिक्रिया करता है।
  • एथेनॉइक अम्ल: यह एक कार्बोक्सिलिक अम्ल है और धातु कार्बोनेट्स और बाइकार्बोनेट्स के साथ प्रतिक्रिया करके CO₂ गैस उत्पन्न करता है, जो एथनॉल नहीं करता।

8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथनील जैसे दूसरे बिलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा।

मिसेल का निर्माण:

  • साबुन में हाइड्रोफिलिक (जल प्रेमी) और हाइड्रोफोबिक (जल द्वेषी) सिरा होता है। जब इसे जल में डाला जाता है, तो हाइड्रोफोबिक सिरा जल से दूर हो जाता है और हाइड्रोफिलिक सिरा जल के साथ संपर्क में रहता है, जिससे मिसेल का निर्माण होता है। मिसेल के भीतर हाइड्रोफोबिक अणु अंदर की ओर रहते हैं और हाइड्रोफिलिक अणु बाहर की ओर रहते हैं।

एथनॉल में मिसेल का निर्माण:

  • एथनॉल जैसे विलायकों में मिसेल का निर्माण नहीं होता क्योंकि एथनॉल एक कार्बनिक विलायक है और इसमें हाइड्रोफोबिक इंटरैक्शन नहीं होते जैसे कि जल में होते हैं। एथनॉल पानी की तुलना में गैर-ध्रुवीय अणुओं को बेहतर तरीके से घुलित कर देता है।

9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में। ईधन के रूप में क्यों किया जाता है?

  • कार्बन युक्त यौगिक जैसे हाइड्रोकार्बन, ऊर्जा के उत्कृष्ट स्रोत होते हैं क्योंकि वे जलने पर बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
  • इन यौगिकों का दहन प्रक्रिया नियंत्रित और कुशल होती है।
  • कार्बन यौगिकों के उपयोग से मिलने वाली ऊर्जा को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों और उपकरणों में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है।

10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।

  • कठोर जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम आयन होते हैं जो साबुन के साथ प्रतिक्रिया करके अघुलनशील यौगिक (साबुन का मैल) बनाते हैं।
  • इस मैल के बनने से साबुन का प्रभाव कम हो जाता है और झाग नहीं बनता।
  • पर्याप्त मात्रा में साबुन डालने पर ये अघुलनशील यौगिक बनने के बाद अतिरिक्त साबुन झाग बना सकता है।

11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?

  • साबुन क्षारीय होता है।
  • लाल लिटमस पत्र: साबुन में डुबोने पर नीला हो जाएगा।
  • नीला लिटमस पत्र: साबुन में डुबोने पर इसका रंग नहीं बदलेगा।
  1. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
    • हाइड्रोजनीकरण: यह एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें हाइड्रोजन गैस को किसी यौगिक में जोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया का प्रमुख उपयोग असंतृप्त यौगिकों (जैसे अल्केन्स और अल्काइन्स) को संतृप्त यौगिकों (जैसे अल्केन्स) में परिवर्तित करने के लिए होता है।
    • औद्योगिक अनुप्रयोग:
      • वसा और तेलों का हाइड्रोजनीकरण: वनस्पति तेलों का हाइड्रोजनीकरण करके मार्जरीन और वनस्पति घी का उत्पादन किया जाता है।
      • ईंधन उत्पादन: पेट्रोलियम उद्योग में, हाइड्रोजनीकरण का उपयोग तेल शोधन और बेहतर गुणवत्ता वाले ईंधनों के उत्पादन के लिए किया जाता है।
      • रासायनिक निर्माण: हाइड्रोजनीकरण का उपयोग विभिन्न रासायनिक उत्पादों, जैसे नायलॉन, प्लास्टिक और फार्मास्युटिकल्स के उत्पादन में किया जाता है।
  2. दिए गए हाइड्रोकार्बन C₂H₆, C₃H₈, C₃H₆, C₂H₂, और CH₄ में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?

संकलन अभिक्रिया (Addition Reaction) असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में होती है।

  • C₂H₆ (एथेन): संतृप्त हाइड्रोकार्बन, संकलन अभिक्रिया नहीं होती।
  • C₃H₈ (प्रोपेन): संतृप्त हाइड्रोकार्बन, संकलन अभिक्रिया नहीं होती।
  • C₃H₆ (प्रोपीन): असंतृप्त हाइड्रोकार्बन (एल्कीन), संकलन अभिक्रिया होती है।
  • C₂H₂ (एथाइन): असंतृप्त हाइड्रोकार्बन (एल्काइन), संकलन अभिक्रिया होती है।
  • CH₄ (मीथेन): संतृप्त हाइड्रोकार्बन, संकलन अभिक्रिया नहीं होती।
  1. संतृप्त एवं असंतृप्त कार्बन के बीच रासायनिक अंतर समझाने के लिए एक परीक्षण बताइए:
    • ब्रोमीन जल परीक्षण:
      • संतृप्त हाइड्रोकार्बन (जैसे एल्केन): ब्रोमीन जल के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता, और ब्रोमीन जल का रंग (भूरा) अपरिवर्तित रहता है।
      • असंतृप्त हाइड्रोकार्बन (जैसे एल्कीन और एल्काइन): ब्रोमीन जल के साथ प्रतिक्रिया करता है, जिससे ब्रोमीन जल का रंग बेरंग हो जाता है।
  2. साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए:
    • साबुन के अणु: एक हाइड्रोफिलिक (जल प्रेमी) सिरा और एक हाइड्रोफोबिक (जल द्वेषी) पूंछ होती है।
    • क्रियाविधि:
      • कृष्णिका निर्माण: जब साबुन को जल में घुलाया जाता है, तो साबुन के अणु मिसेल्स बनाते हैं। मिसेल्स के हाइड्रोफोबिक पूंछे गंदगी और तेल के कणों के चारों ओर एकत्र हो जाते हैं।
      • प्रक्षालन: गंदगी और तेल की कणों को मिसेल्स के अंदर फँसाया जाता है और पानी के साथ धोने पर ये आसानी से हट जाते हैं।
      • इमल्सीफिकेशन: साबुन गंदगी को जल में घुलनशील बना देता है, जिससे उसे जल से साफ किया जा सकता है|

यह प्रक्रिया गंदगी, तेल और अन्य अशुद्धियों को आसानी से हटाने में सहायक होती है।

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