(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
- ये धातुएँ रासायनिक रूप से बहुत निष्क्रिय होती हैं और वायुमंडलीय ऑक्सीजन और नमी के साथ प्रतिक्रिया नहीं करतीं, जिससे ये धातुएँ चमकदार और आकर्षक बनी रहती हैं।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है।
- ये धातुएँ अत्यधिक अभिक्रियाशील होती हैं और वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन और नमी के साथ तुरंत प्रतिक्रिया कर सकती हैं। तेल के अंदर इन्हें रखने से ये हवा और नमी के संपर्क में नहीं आतीं और सुरक्षित रहती हैं।
(c) एल्युमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
- एल्युमिनियम की सतह पर एक पतली ऑक्साइड की परत बन जाती है जो धातु को और अधिक अभिक्रियाशील होने से बचाती है और इसे जंग से भी बचाती है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फ़ाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
- ऑक्साइड अयस्कों का निष्कर्षण अपेक्षाकृत आसान और किफायती होता है। कार्बोनेट और सल्फाइड अयस्कों को ऑक्साइड में परिवर्तित करने के बाद इनका निष्कर्षण कार्बन (कोक) या इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा आसानी से किया जा सकता है।
MCQs Based on the above question
प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए क्यों किया जाता है?
a) ये सस्ती धातुएँ हैं
b) ये कठोर धातुएँ हैं
c) ये रासायनिक रूप से निष्क्रिय हैं
d) ये आसानी से मिल जाती हैं
उत्तर: c) ये रासायनिक रूप से निष्क्रिय हैं
सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहीत क्यों किया जाता है?
a) ये कम अभिक्रियाशील हैं
b) ये अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं
c) ये भारी धातुएँ हैं
d) ये ज्वलनशील नहीं हैं
उत्तर: b) ये अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं
एल्युमिनियम का उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए क्यों किया जाता है?
a) यह सस्ता होता है
b) यह हल्का होता है
c) यह जंग प्रतिरोधी होता है
d) यह मुलायम होता है
उत्तर: c) यह जंग प्रतिरोधी होता है